मोहब्बत की कहानी का मैं वो किरदार बन जाऊँ, तुम्हें पाने की कोशिश में क्या से क्या ना कर जाऊँ। जमाना रूठ भी जाये तो फर्क नहीं पड़ता, मगर तुम रूठ जाओ तो मैं जीते जी ही मर जाऊँ। मोहब्बत हर किसी को जिंदगी में एक बार तो जरूर होती है। इसकी न जाने कितनी खूबसूरत और बदसूरत कहानियां होंगी, लेकिन आज की यह कहानी थोड़ा हट कर है। कहानी की शुरुआत एक बदनाम गली से होती है। बदनाम गली जहां से दिन ढलते ही घुंघरुओं की झनकार में बाकी सारे शोर दब जाते थे। इन्हीं झनकारों के बीच उन दोनों की मोहब्बत की कहानी शुरू होती है।

यह कहानी है कार्तिक शर्मा की जिसने दिया और बदले में उसकी जान चली गई। ये एक हुस्न, इश्क और कत्ल की कहानी है। एक बदनाम गली के बंद कोठे की टूटकर बिखर चुके उन पैरों के घुंघरुओं की। उसकी मोहब्बत बस, तारीखों में दर्ज रह गई। एक खूबसूरत लड़की का दीवाना हर कोई हो जाता है। वैसे ही कार्तिक भी हो गया। लेकिन उसे क्या पता था कि उसका दीवाना होना उसकी जान ले जाएगा। ये कहानी है दिल्ली के जीबी रोड इलाके की कोठा नंबर 85 की।

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ये है रेडलाइट की कहानी, इश्क की कहानी, बर्बादी की कहानी….दरअसल, इस कहानी की शुरुआत साल 2010 में होती है। कार्तिक माता-पिता का इकलौता बेटा था। पिता की मौत हो चुकी थी। वह अपनी बीवी और एक बेटे के साथ सैदुल्लाजाब में किराए पर रहता था। इसी दौरान वह जीबी रोड पर रहने वाली सोनिया के इश्क में उलझ जाता है। आंध्र प्रदेश की रहने वाली 20 साल की सोनिया कोठा नंबर 85 पर रहती थी। सांवला रंग, जादुई नैन-नक्श। कार्तिक उससे बेइंतहा इश्क करने लगा था। उसकी बीवी को जब यह बात पता चली, वह बच्चे को लेकर हमेशा के लिए मायके चली गई।

बीवी के छोड़ जाने के बाद खुशी के इश्क में इस कदर डूबा कार्तिक, कि उससे शादी करना चाहता था, उसे अपने आशियाने की जन्नत बनाना चाहता था। कार्तिक ने खुशी के लिए अपनी बीवी के जेवर, घर बार, जमीन-जायदाद, यहाँ तक की अपनी किराने की दुकान तक को बेच दिया। वह कोठे पर जाता है, शादी का प्रपोजल रखता है। मगर हर बार की तरह खुशी इस सवाल पर खामोश हो जाती है। खुशी कोठा नहीं छोड़ना चाहती थी। वह कार्तिक से शादी करने के लिए तैयार नहीं हुई। दरअसल, कार्तिक चाहता था कि खुशी बंद कोठे की चाहरदीवारी लांघकर एक नई जिंदगी संवारे दलदल से बाहर निकले। मगर खुशी को बेबसी की बेड़ियों ने कोठे की दहलीज को कभी लांघने नहीं दिया।

बस, खुशी की यही जिद कहे या बेबसी उसके कत्ल की वजह बन गई। वह खुशी को हमेशा के लिए हमसफर बनाने को तैयार था। लेकिन फिर कार्तिक ने खुशी को एक रात हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। इस तरह कोठे की चारदीवारी में लव स्टोरी हमेशा दफन हो गई।

लेकिन इस रेडलाइट की लव स्टोरी का कड़वा सच यह भी है कि कार्तिक खुशी को जिस्मफरोशी के दलदल से निकालकर ले जाना चाहता था। उससे शादी रचाना चाहता था।

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