बिहार के चुनावी दंगल में पहले चरण का मतदान जारी है। आज सुबह 7 बजे से मतदान शुरु हुआ… पहले चरण में 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं… 3 बजे तक 46.29% वोटिंग हुई। कोरोना महामारी के दौरान बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है जहां बिहार विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर यह संशय की स्थिति थी कि कोरोना काल में मतदाता घर से निकलेंगे या नहीं। चुनाव आयोग के सामने वोटिंग परसेंटेज और मतदाताओं की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन तीन चरण में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के वोटिंग के मतदाताओं का उत्साह यह बताता है कि बिहार राजनीतिक रूप से जागरूक प्रदेश है। कोरोना काल में मतदान को लेकर बिहार की जनता का यह उत्साह वर्तमान सरकार पर भारी पड़ेगा या विपक्ष पर यह तो 10 नवंबर को ही पता चलेगा।

बिहार में अब तक के वोटिंग प्रतिशत

चुनाव लोकसभा का हो या फिर विधानसभा का, किसी भी चुनाव में कभी 100 प्रतिशत मतदान नही होता। मतदान के दौरान यह मान कर चला जाता है कि संबधित विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र के 5 प्रतिशत लोग शहर या राज्य से बाहर होने की वजह से मतदान नही कर पाते, लिहाजा 95 मतदाता के आधार पर ही वोटिंग परसेंटेज माना जाता है। किसी भी चुनाव में 60 प्रतिशत से कम मतदान होने पर कम वोटिंग, 60 से 70 प्रतिशत तक मतदान अच्छी वोटिंग और 70 प्रतिशत से अधिक वोट डाले जाते है तो इसे भारी मतदान कहा जाता है। बिहार विधानसभा चुनाव में 1952 में 39.51 प्रतिशत, 1957 में 41.37, 1962 में 44.47, 1967 में 51.51, 1969 में 52.79, 1972 में 52.79, 1977 में 50.51, 1980 में 57.28, 1985 में 56.27, 1990 में 62.04, 1995 में 61.79, 2000 में 62.57, 2005 फरवरी में 46.50, 2005 अक्टूबर में 45.85, 2010 52.73 और 2015 के विधानसभा चुनाव में 56.91 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।

दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में कैद

इसके साथ ही कई दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। जिसमें पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है वोटिंग शुरू होने से पहले कई नेताओं में मतदाताओं से ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील भी की थी। पहले चरण के चुनाव में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी सबसे बड़े नेता हैं, जिनकी किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। पिछली बार मांझी इमामगंज और मखदुमपुर से लड़े लेकिन मखदुमपुर से चुनाव हार गए थे… इस बार फिर से मांझी ने इमामगंज सीट से ताल ठोकी है। यहां उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। मांझी हिंदूस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष हैं। पहले चरण के चुनावों में प्रेम कुमार और जय कुमार सिंह समेत 8 वर्तमान मंत्रियों की किस्मत भी दांव पर लगी हुई है।

वोटिंग की अपील

मतदान शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़ चढ़कर भाग लेने की लोगों से अपील की….उन्होने लिखा- बिहार विधानसभा चुनावों में आज पहले दौर की वोटिंग है। सभी मतदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे कोविड संबंधी सावधानियों को बरतते हुए, लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करें। दो गज की दूरी का रखें ध्यान, मास्क जरूर पहनें। याद रखें, पहले मतदान, फिर जलपान! वहीं राहुल गांधी ने भी बिहार के पहले चरण के मतदान के लिए बिहार की जनता को शुभकामनाएं दीं…उन्होंने लिखा इस बार न्याय, रोज़गार, किसान-मज़दूर के लिए आपका वोट हो सिर्फ़ महागठबंधन के लिए। बिहार के पहले चरण के मतदान की आप सभी को शुभकामनाएं । #आज_बदलेगा_बिहार। मतदान शुरू होने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ट्वीट करके कोविड के नियमों का पालन करते हुए मतदान में हिस्सा लेने की अपील की….उन्होंने लिखा बिहार विधानसभा चुनावों के लिए आज पहले चरण का मतदान हो रहा है। आप का मत ही लोकतंत्र में आपकी सबसे सबसे बड़ी ताक़त है। मेरा सभी मतदाताओं से अनुरोध है कि कोविड सम्बन्धी सावधानियों का ध्यान रखते हुए लोकतंत्र के इस महापर्व में जरूर हिस्सा लें। पहले चरण की वोटिंग शुरू होने के साथ ही महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने भी लोगों से अपील की बदलाव के लिए अपने मत का प्रयोग करें।

अबकी बार…बिहार किसका ?

बिहार नें पहले चरण का रण जारी है। हालांकि वोटिंग की रफ्तार धीमी है। जिन 71 सीटों पर मतदान हो रहा है। उनमें 25 पर राजद जबकि 23 पर जदयू और 13 पर भाजपा का कब्जा है…. इन 71 सीटों में से 22 पर यादव विधायकों का कब्जा रहा था, जबकि राजपूत-7 भूमिहार-7 और कुशवाहा-7 सीटों पर चुने गए थे… अब फिलहाल पहले चरण के चुनाव में इन उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो रही है। और अब बिहार में दो चरणों का महासंग्राम बचा है। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर को और अंतिम चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा। जिसके बाद 10 नवंबर को ये पता चल जाएगा कि बिहार में ऊंट किस करवट बैठेगा। नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता की बागडोर संभालेंगे, या फिर महागठबंधन कोई गुल खिलाएगा, या फिर बिहार की राजनीति में कोई नए समीकरण बनेंगे… अब ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा… कि बिहार में आखिर राजतिलक किसका होगा ?

Share.
Exit mobile version