बिहार में सत्ता की लड़ाई में जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जोर-शोर से जुट चुकी है। आरोप-प्रत्यारोप के जरिए जनता को लुभाने का काम चल रहा है। 28 अक्टूबर को पहले चरण का चुनाव है जिसे देखते हुए सभी स्टार प्रचारक अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं। बक्सर में चुनावी जनसभा के जरिए नीतीश कुमार ने लालू सरकार के समय का जिक्र किया और बड़े बड़े हमले बोले तो दूसरी तरफ बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव बेरोजगारी, पलायन, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं। तेजस्वी का आरोप है कि 15 साल के NDA शासन में बेरोजगारी को लेकर सरकार ने कुछ नहीं किया है। नीतीश कुमार का पहला और आखिर प्यार कुर्सी से चिपके रहना है।

RJD सरकार की यादें ताजा

रविवार को डुमरांव में आयोजित जनसभा में सीएम नीतीश ने लालू राज की याद ताजा कराते हुए कहा कि अगर बिहार में फिर अपहरण, सामूहिक नरसंहार चाहते होंगे तभी हमें वोट नहीं देंगे। अगर फिर से बिहार से भागना चाहते होंगे, तभी वोट नहीं दीजिएगा। सीएम नीतीश ने कहा कि अगर बिहार में अमन-चैन चाहते हैं तो एनडीए उम्मीदवार को वोट दीजिए। अगर फिर से वो लोग सत्ता में आयेंगे तो अपहरण का उद्योग लगेगा। इससे पहले शनिवार को भी नीतीश कुमार ने लालू राज को लेकर RJD पर हमला बोला था। नीतीश कुमार ने शनिवार को पति-पत्नी शासन की याद दिलायी। कहा कि आज अपराधी भयभीत हैं जबकि पहले जनता भयभीत रहती थी। अब न कहीं नरसंहार होता है न कहीं अपहरण। लोग निर्भीक होकर निवेश कर रहे हैं। अपराध के मामले में बिहार देश में 23वें नम्बर पर है। नवीनगर, राजपुर, करगहर और दिनारा में NDA प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित सभाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पति-पत्नी की सरकार में व्यवसायी और डॉक्टर असुरक्षित महसूस करते थे। उन्हें दूसरी जगहों पर भागना पड़ता था। उन्हें काम करने में दिक्कतें हो रही थी। कुछ लोग माल भी वसूलते थे। मेरी सरकार सत्ता में आयी तो इनमें से कई लोग लौट कर आए, जिसे मैंने पटना में सम्मानित किया। उन्होंने लोगों को आगाह भी किया कि फिर मतदान देने में गलती हुई तो वही होगा।

तेजस्वी का मिशन बिहार

RJD ने भी बिहार चुनाव को लेकर कमर कस ली है। तेजस्वी लगातार रैलियों के जरिए नीतीश सरकार पर हमलावर है और RJD प्रत्याशी के लिए वोट करने की अपील कर रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार का पहला और आखिर प्यार कुर्सी से चिपके रहना है। उनको बताना चाहिए कि वो बेरोजगारी कैसे दूर करेंगे। वो बेरोजगारी, गरीबी और भूखमरी पर क्यों नहीं बोलते। बिहार के लोग जान रहे हैं कि अगर NDA को नहीं हराया गया तो आगे भी बेरोजगारों के लिए ऐसी सरकार कुछ नहीं करेगी। तेजस्वी ने आगे कहा कि, नीतीश कुमार को बताना चाहिए की वो बेरोजगारी कैसे दूर करेंगे। तेजस्वी ने कहा कि बिहार से जो संदेश जा रहा है पूरे देश में बेरोजगारी का, उससे युवा जान रहे हैं कि अगर बिहार में बेरोजगारी को मुद्दा नहीं बनाया तो ऐसी निकम्मी सरकार बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं करेगी। इससे पहले तेजस्वी यादव ने महागठबंधन का घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा था कि अगर बिहार में उनकी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट मीटिंग में 10 लाख युवाओं को नौकरी देने के प्रस्ताव पर मुहर लगेगी।

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