Gyanvapi Debate: काशी विशवनाथ और ज्ञानवापी मस्ज़िद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज दोपहर 2 बजे करीब सुनवाई होगी। यह मामला जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत और पी एस नरसिम्हा की विशेष बेंच के पास सुनवाई के लिए लगा है। मुख्य मामले के साथ मस्ज़िद परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा की अनुमति मांगने वाली नई याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट सुनेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को लिया था आखिरी फैसला

सु्प्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्ज़िद को लेकर आखिरी सुनवाई 20 मई को करी थी। उस दिन ज्ञानवापी मामला वाराणसी के जिला जज को ट्रांसफर कर दिया गया था। जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने इसका आदेश देते हुए कहा कि मामले की जटिलता को देखते हुए इसे अधिक अनुभवी जज को भेजा जा रहा है। बेंच ने कहा था कि जिला जज मुस्लिम पक्ष के उस आवेदन को प्राथमिकता से सुनें, जिसमें हिंदू पक्ष के वाद को सुनवाई के अयोग्य कहा गया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने परिसर में यथस्थिति बनाए रखने का भी आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 17 मई को जो अंतरिम आदेश दिया गया था, वह अभी लागू रहेगा। इसके तहत शिवलिंग वाली जगह सुरक्षित रखी जाएगी। यानी वहां वज़ू नहीं होगी। लेकिन परिसर में पहले की तरह नमाज़ पढ़ी जाती रहेगी। कोर्ट ने प्रशासन से कहा था कि वह वज़ू के लिए उचित इंतजाम करे।

शिवलिंग की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग

श्रद्धालु महिलाओं ने वैकल्पिक राहत के रूप में प्लाट नंबर 9130 (ज्ञानवापी मस्ज़िद परिसर) में मौजूद शिवलिंग के सामने कैमरा लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को कैमरा लगाने और उसके फुटेज के लगातार लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दे। इससे श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन कर पाएंगे और उससे 83.3 फीट की दूरी पर नंदी जी की मूर्ति के पास बैठ कर शिवलिंग की सांकेतिक पूजा कर लेंगे।

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