गया: बिहार में पहले चरण के लिए मतदान 28 अक्टूबर को होना है लेकिन उसके पहले बिहार के आसमान हेलिकॉप्टर्स की गड़गड़ाहट से गूंज रहे हैं। नेताओं का प्रचार अभियान चरम पर है. खुद प्रधानमंत्री बिहार में रैली करने आ रहे हैं तो वहीं कांग्रेस की तरफ राहुल गांधी के बिहार में रैली करने की उम्मीद है. ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप के साथ-साथ एक दूसरे पर किचड़ उछालने का काम भी चल रहा है। बिहार एनडीए में शामिल सभी दल इस समय चुनावी मोड में है। इसी कड़ी में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का एक बयान चर्चा में है।

शराबबंदी पर मांझी का बड़ा बयान:
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे हम नेता जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव के वादों पर शंका जाहिर की. उन्होने कहा कि, “तेजस्वी सिर्फ नौकरी की बात कर रहे हैं, जबकि भाजपा रोजगार देने की बात कर रही है. दोनों ही बातों में फर्क है” इसी बीच उन्होने शराबबंदी पर भी अपनी राय रखी उन्होने कहा की इसकी समीक्षा होनी चाहिए.

शराबबंदी को रद्द करने की पहले भी कर चुके हैं मांग:
इसके पहले भी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुखिया जीतन राम मांझी शराबबंदी के खिलाफ बोल चुके हैं. हालांकि यह पहला मौका है जब वो एनडीए और नीतीश कुमार के साथ रहते हुए शराबबंदी में समीक्षा की मांग कर रहे हैं।

चिराग पर लाल हुए मांझी:
बिहार एनडीए से चिराग पासवान के अलग होने पर जीतन राम मांझी ने कहा कि, “उनके पैरों के तले से जमीन खिसक गई है. इसलिए ऐसा फैसला लिया है” जनता चिराग को बता देगी।

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