बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। एक तरफ एनडीए में तकरार चल रहा है तो दूसरी तरफ महागठबंधन में भी सियासी वार-पलटवार जारी है। मिली जानकारी के अनुसार महागठबंधन में फिलहाल महाभारत मचा हुआ है। आरजेडी की नेतृत्व वाले इस गठबंधन में अब तक की सबसे बड़ी दरार पड़ने वाली है। माना जा रहा है कि कांग्रेस और आरजेडी में तकरार इस हद तक बढ़ गई है की अब कांग्रेस अलग रास्ते पर जाने का विचार करने लगी है। जहां पार्टी की तरफ से तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेता मानने से इंकार कर दिया गया है तो दूसरी तरफ आरजेडी भी सीट शेयरिंग पर कांग्रेस के किसी भी बात को मानने से साफ मना कर चुकी है।

आरजेडी और कांग्रेस में तकरार इस हद तक बढ़ चुकी है कि कांग्रेस ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने के लिए 243 विधानसभा सीटों के लिए एक सूची भी तैयार कर रही है। बताया जा रहा है कि पहले आरजेडी कांग्रेस को 58 सीटों का ऑफर दे रही थी लेकिन कांग्रेस की जिद के आगे झूकते हुए आरजेडी ने कांग्रेस को 73-75 सीटें देने के लिए सहमती जता दी लेकिन इसके बावजूद बात बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि जिन सीटों को राजद ने कांग्रेस को देने का फैसला किया है उसमें 10-12 ज्यादातर सीटें शहरी हैं। ऐसे में कांग्रेस चाहती है की वो ग्रामिण इलाकों की सीटों पर फोकस करें और राजद भी उसे शहरी क्षेत्रों की सीटें ना दे।

सीट बंटवारे में अपनी मांग को मनवाने के बाद भी कांग्रेस आरजेडी से नाराज है. सुत्रों की माने तो कांग्रेस चाहती है की राजद उसे मन मुताबिक सीट दे तभी बात बन पाएगी। लेकिन आरजेडी अब कांग्रेस की किसी भी मांग को मानने से साफ मना कर चुकी है।

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