कोलकाता: भले हीं पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन उससे पहले बंगाल में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। नेताओं के बीच अभी से सियासी बयानबाजी शुरु हो गई है. इसी बीच चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने चुनाव आयोग की एक टीम पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंची है. इस टीम का नेतृत्व खुद मुख्य चुनाव आयुक्त सुनिल अरोड़ा कर रहे हैं। वहीं गुरुवार को पुलिस ने भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी लोगों पर विवादित नारा लगाने की वजह से कार्रवाई की गई है।

भाजपा की रैली में लगे थे गद्दारों को गोली मारो के नारे:
दरसल बंगाल पुलिस ने बीजेपी की रैली के दौरान देश के गद्दारों को गोली मारो के नारे लगाने के आरोप में हुगली जिला की युवा इकाई के अध्यक्ष सुरेश साहू समेत तीन कार्यकर्ताओं को पार्टी के नेता शुवेंदु अधिकारी के रोड शो के दौरान ऐसा करने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की है। गिरफ्तारी के बाद बीजेपी युवा मोर्चा के कार्रकर्ताओं ने जमानत की याचिका भी लगाई, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। पुलिस ने इस मामलें में स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई की है।

टीएमसी ने लगाया गंभीर आरोप:
टीएमसी की तरफ से चुनाव आयोग के साथ बैठक में शामिल होने के बाद फिरहाद हाकिम ने कहा कि, ‘भाजपा ने आरोप लगाया था कि मतदाता सूची में 10 प्रतिशत बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के नाम हैं। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि क्योंकि सूची आपने बनाई है इसलिए ये सीधा आपके ऊपर आरोप है। भाजपा पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक भाषणों के जरिए नफरत पैदा कर रही है। हमने चुनाव आयोग से इस पर ध्यान देने का अनुरोध किया है। हम सभी शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं। यह ‘गोली मारो’ आदि समाज को बांटने के लिए उकसाने वाले नारे हैं। वे लोगों को वोट देने के लिए डरा रहे हैं। भाजपा पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में बीएसएफ को भेज रही है और लोगों को वोट देने के लिए डरा रही है, यह मेरा आरोप है। चुनाव आयोग ने कहा कि हम इसे क्रॉस-चेक करेंगे।’ 

बीजेपी ने कहा- मतदाता सूची में रोहिंग्याओं के नाम हैं शामिल
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर भाजपा सांसद और बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “यह चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह यह सुनिश्चित करे कि लोग बिना किसी डर के मतदान करें। यह महत्वपूर्ण है कि केंद्रीय बलों को जल्द ही यहां तैनात किया जाए। हमें शक है कि रोहिंग्याओं के नाम सीमा क्षेत्रों की मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। चुनाव आयोग आगामी विधानसभा चुनाव की व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए अपनी पूरी टीम के साथ आए हैं। विपक्षी पार्टी के रूप में, हमने उन्हें एक ऐसा माहौल सुनिश्चित करने के लिए कहा है जिसमें लोग तटस्थ और शांतिपूर्ण ढंग से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।”

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