यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने वाला है ऐसे में सभी पार्टियां एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहे हैं कि वह इस चुनाव विजन को पता कर ले और अपना दबदबा बना ले ऐसे में उत्तर प्रदेश में आज पूरे दिन सियासी हलचल तेज रही नामांकन के लिए निर्वाचन आयोग ने दोपहर 3:00 बजे तक की समय सीमा निर्धारित की थी। नामांकन के दिन जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर जोर आजमाइश सांप देखने को मिली

गाजियाबाद में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता का प्रदर्शन

सत्ताधारी बीजेपी ने जहां 65 ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है वहीं विपक्षी दल भी अपनी तरफ से पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इस बीच दिल्ली से सटे गाजियाबाद में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता होटल कंट्री एंड के बाहर धरने पर बैठ गए। सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की छूट पर बीजेपी के नेताओं उनके पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों को होटल के कमरों में बंद कर रखा है ताकि वह प्रस्ताव के तौर पर जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए होने वाले नामांकन में शामिल नहीं हो पाए।

सपा प्रत्याशी आलोक कुमार गुप्ता का नामांकन से इनकार

समाजवादी पार्टी के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव गले का हड्डी बनता जा रहा है। ऐसा इसलिए कि गोरखपुर से सपा के अधिकृत प्रत्याशी आलोक कुमार गुप्ता ने नामांकन करने से इंकार कर दिया। अब ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी और कैंपियरगंज के विधायक फतेह बहादुर की पत्नी साधना सिंह का निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुना जाना तय हो गया है। अब सिर्फ औपचारिक तौर पर घोषणा और जीत का प्रमाण पत्र दिया जाना बाकी है। नाम वापसी वाले दिन 29 जून को दोपहर 3:00 बजे यह भी पूरी हो जाएगी। पूरे घटनाक्रम से नाराज सपा नेताओं ने चौक पर प्रदर्शन किया और साथ ही पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

कानपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के नाम पर खींचतान

बीजेपी पंचायत चुनाव के परिणामों से खुश नहीं है। इस बीच कानपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के नाम पर पार्टी के अंदर खींचा-तानी चल रही थी। कानपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। बीजेपी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए स्वप्निल वरुण का नाम सबसे आगे चल रहा था। इसी बीच बिठूर से बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा के नजदीकी जिला पंचायत सदस्य राजा दिवाकर ने भी अध्यक्ष पद के दावेदारी पेश कर दी। जिला पंचायत सदस्य और बीजेपी नेता अध्यक्ष पद के नाम पर दो गुटों में बट गए।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बीते 15 दिनों से घमासान मचा हुआ था। पंचायत चुनाव प्रभारी विजय बहादुर पाठक, ग्रामीण इकाई के पदाधिकारी, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, विधायक अभिजीत सिंह सांगा समेत तमाम नेता बैठकर तकरार को खत्म करने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के लिए स्वप्निल वरुण के नाम की घोषणा कर दी है। ही प्रत्याशी का नाम घोषित करने का अल्टीमेटम दिया था। शनिवार को बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए स्वप्निल वरुण को प्रत्याशी घोषित किया है। स्वप्निल वरुण पूर्वमंत्री स्व कमलरानी वरुण की बेटी हैं।

सपा ने 11 जिला अध्यक्षों को पद मुक्त किया

उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत के चुनाव में मिली हार के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने 11 जिला अध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया है। जी हां चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद जिला अध्यक्ष पद मुक्त कर दिए गए हैं। पार्टी नाराज है कि कैसे चुनाव में सपा से चुने गए जिला पंचायत सदस्यों की ज्यादा होने के बाद भी जिला अध्यक्ष के चुनाव में हार मिली। यह वही जिले हैं जहां बीजेपी निर्विरोध जीती है। खराब प्रदर्शन से नाराज सिर्फ नेतृत्व ने जिन जिला अध्यक्षों को हटाया उनमें से गोरखपुर भदोही के अध्यक्ष भी शामिल है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर, मुरादाबाद , आगरा, गौतम बुध नगर बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर के जिला अध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दे दिया है

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