जब से अफगानिस्तान में तालिबान सक्रिय हुआ है तब से अफगानिस्तान की सत्ता पर खतरा मंडरा रहा था। अब अफगानिस्तान में एक बड़ा सियासी फेरबदल होने जा रहा है।तालिबान की बढ़ती ताकत के बीच अफगानिस्तान में एक अब अंतरिम सरकार का गठन होना है। जिसका हेड अली अहमद जलाली को बनाया जा रहा है। खबर है कि कुछ ही घंटों में अली अहमद जलाली को सत्ता सौंप दी जाएगी और अशरफ गनी का इस्तीफा ले लिया जाएगा।

आइए जानते हैं कौन हैं अली अहमद जलाली

अली अहमद जलाली अफ़ग़निस्तान के लिहाज से सिर्फ एक बड़े नेता नहीं है बल्कि कूटनीति के मामले में भी काफी सक्षम है। कई मौके पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर चुके जलाली के पास एक लंबा अनुभव है। एक राजदूत से लेकर प्रोफेसर तक एक कर्नल से लेकर सरकार में मंत्री तक अली अहमद जलाली ने हर वो पद संभाला है जिस वजह से वह अफगानिस्तान की राजनीति को भी समझते हैं। और तालिबान पर भी अच्छी पकड़ है।

बता दें कि अली अहमद जलाली का जन्म अफगानिस्तान में नहीं बल्कि अमेरिका में हुआ था। वे 1987 से अमेरिका के नागरिक थे और मैरीलैंड में रहते थे। बाद में साल 2003 में उनकी अफगानिस्तान में उस समय वापसी हुई थी जब तालिबान का कहर कम हो रहा था और देश को एक मजबूत सरकार की दरकार थी। उस मुश्किल समय में जलाली को देश का इंटीरियर मिनिस्टर बनाया गया था। वे सितंबर 2005 तक इस पद पर बने रहे थे। इसके अलावा जब अफगानिस्तान में 80 के दशक में  सोवियत संघ संग लंबा युद्ध चला था, तब भी अली अहमद जलाली ने एक सक्रिय भूमिका अदा की थी। उस समय वे अफगान आर्मी में कर्नल के पद पर थे।

वहीं उस दौर में वे Afghan Resistance Headquarters के लिए शीर्ष सलाहकार की भूमिका भी निभा रहे थे। ऐसे में मुश्किल समय में हर बार अली अहमद जलाली ने अफगानिस्तान के लिए निर्णायक काम किया है।

ऐसे में अब जब उन्हें अंतरिम सरकार की बागडोर सौंपी जा रही है। तो उनके सामने पहाड़ जैसी चुनौती है। अब वे कैसे और कितनी जल्दी अफगानिस्तान को इस दशहत से मुक्त करते हैं, ये देखने वाली बात रहेगी।
 

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