अहमदाबाद में खेले जा रहे हैं वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मैच में टीम इंडिया की जीत हुई। टीम इंडिया ने 4 विकेट गंवाए और अपना लक्ष्य प्राप्त किया। 117 रनों का लक्ष्य पार करके टीम इंडिया ने अपनी जीत हासिल की। भारतीय टीम जब कॉलिंग कर रही थी उस वक्त कई ऐसे मौके आए जब टीम इंडिया को रिव्यू का सहारा लेना पड़ा।

मैच के दौरान लिए गए सभी रिव्यू सही साबित हुए और इससे पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर भी गदगद नजर आए। डीआरएस को पहले धोनी रिव्यू सिस्टम कहा जाता था। लेकिन अब सुनील गावस्कर ने डीआरएस को एक नया नाम दिया है। सुनील गावस्कर ने डीआरएस को अब डेफिनेटली रोहित सिस्टम कहां है। क्योंकि कप्तान रोहित शर्मा का यह फैसला बिल्कुल सही साबित हुआ इसलिए इसे डेफिनेटली रोहित सिस्टम कहा जाएगा।

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वनडे क्रिकेट के दौरान दोनों टीमों को अपनी अपनी पारी के कुछ ऐसे मौके मिलते हैं जिसमें वह फील्ड अंपायर द्वारा दिए गए फैसले का रिव्यू करवा सकते हैं। एंपायर का फैसला आने के बाद 15 सेकंड में टीम को डीआरएस लेना होता है एंपायर द्वारा लिए गए फैसले के रिव्यू को डिसिशन रिव्यू सिस्टम कहते हैं। महेंद्र सिंह धोनी जब क्रिकेट खेलते थे तो उस समय उनका डीआरएस बिल्कुल सही साबित होता था।

विराट कोहली के कप्तानी संभालने पर भी वे धोनी से ही रिव्यू लेने के लिए मदद लेते थे। क्या यही वजह है कि डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम कहा जाने लगा। वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पहले वनडे मैच में भारत को तीन बार रिव्यु लेना पड़ा। तीनों बार लिया गया रिव्यू बिल्कुल सही साबित हुआ। वेस्टइंडीज की पारी के 12 ओवर में वॉशिंगटन सुंदर की बॉल पर ड्रैगन ब्रावो को एंपायर ने नॉटआउट दिया था लेकिन जब इस पर रिव्यू लिया गया तो नतीजा उल्टा पड़ गया।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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