भारतीय पहलवानों ने टोक्यो गेम्स 2020 इतिहास रच दिया। रवि दहिया ने बुधवार को 57 किग्रा मुकाबले के फाइनल में एंट्री ली। वहीं डार्क हॉर्स दहिया ने भारत के लिए शानदार दौड़ के बाद एक मेडल की उम्मीद जगा दी है। इन सब के बीच पहलवान विनेश फोगाट जिन्हें मेडल लाने के लिए प्रबल उम्मीदवार माना जा रहा था उन्होंने ही निराश कर दिया। विनेश को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बेलारूस की Vanesa kaladzinskyaya के हाथों 3-9 से शिकस्त मिली। विनेश  53 किलो भार वर्ग देश की नंबर वन खिलाड़ी थी। हालांकि अभी भी मेडल की उम्मीद बरकरार है।

पूर्व पहलवान और विनेश के चाचा महावीर सिंह फोगाट अपनी भतीजी के प्रदर्शन से मायूस हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मैंने विनेश की आज तक इतनी खराब फाइट नहीं देखी…ऐसा लगा कि उसने ज्यादा कोशिश नहीं की… इससे घटिया फाइट नहीं देखी। बता दें कि महावीर सिंह फोगाट ने अपनी तीन बेटियों के साथ अपनी भतीजियों को भी पहलवानी बचपन से सिखाई है। विनेश ने मैच में जल्दबाजी की और अपना धैर्य खोकर मैच को गंवा दिया। जबकि उनकी प्रतिद्वंदी Vanesa ने रणनीति के तहत मैच खेला। उन्होंने विनेश को पीछा से पकड़ा और जकड़ लिया। विनेश ने खुद को छुड़ाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी..लेकिन वो जकड़ से निकल नहीं पाई।

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विनेश का टोक्यो ओलंपिक में शुरुआती प्रदर्शन काफी अच्छा था। उन्होंने अपने पहले मैच में स्वीडन की पहलवान सोफिया मैटसन को 7-1 स्कोर से हरा दिया। सोफिया मैटसन रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी थीं, लेकिन विनेश ने उन्हें 7-1 आसानी से शिकस्त दे दी थी। खैर अब विनेश को कांस्य के लिए दूसरे खिलाड़ी की जीत का इंतजार करना होगा। अगर Vanesa kaladzinskyaya अगर फाइनल में प्रवेश कर जाती हैं, तो विनेश रेपचेज राउंड के तहत कांस्य पदक की रेस में बनी रहेंगी। 
 

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