देशभर में कोरोना का कोहराम जारी है। शहरों के बाद अब गांव में भी कोरोना पूरी रफ्तार के साथ अपने पांव पसार रहा है। देश में की ऐसे गांव भी हैं जहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हाल बेहाल है। ऐसे में प्रमुख एक्सप्रेस लॉजिस्टिक सेवा प्रदाता कंपनी ब्लू डार्ट ने गुरुवार को कहा कि उसने ब्लू डार्ट मेड-एक्सप्रेस कंसोर्टियम का गठन किया है। जिसके तहत भारत के दूरदराज के इलाकों में ड्रोन की मदद से वैक्सीन और आपातकालीन दवाओं की आपूर्ति की जाएगी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि ब्लू डार्ट मेड-एक्सप्रेस कंसोर्टियम तेलंगाना सरकार, विश्व आर्थिक मंच, नीति आयोग और हेल्थनेट ग्लोबल के साथ मिलकर शुरू की गई। मेडिसिन फ्रॉम दि स्काई परियोजना का हिस्सा है। और सबसे जरुरी बात ये है की, नागरिक उड्डयन मंत्रालय यानी MOC ने तेलंगाना में प्रायोगिक आधार पर ड्रोन उड़ानों के लिए जरूरी छूट देने के साथ इस परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का मकसद वितरण केंद्रों से विशिष्ट स्थान तक स्वास्थ्य संबंधी चीजें पहुंचाने के लिए एक वैकल्पिक लॉजिस्टिक मार्ग तैयार करना है।

प्रोजेक्ट से ऐसे मिलेगा फायदा

आइए अब बताते हैं ये काम कैसे करेगा और इसका फायदा क्या होगा। ब्लू डार्ट मेड-एक्सप्रेस की ड्रोन उड़ान immersive वितरण मॉडल अपनाएगी। इससे मेडिकल स्टोर्स और ब्लड बैंक्स से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को डिलीवरी की जाएगी। इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से सेंट्रल डायग्नोस्टिक लैबोरेटरीज को डिलीवरी की जाएगी। इस मौके पर ब्लू डार्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर बालफोर मैनुअल ने कहा कि, हम हमेशा से फ्यूचर की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते आए हैं। यही वजह है कि महामारी के इस दौर में भी हमारी यात्रा रुकी नहीं है। इस मौके पर तेलंगाना के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने कहा कि तेलंगाना उन राज्यों में शामिल है जो उभरती तकनीक को अपनाने में सक्रिय हैं। Medicine from the Sky परियोजना में इसी सिद्धांत की तर्ज पर ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। यह देश में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है। इसका मकसद ग्रामीण इलाकों में शहरों की तरह हेल्थकेयर सुविधा देना है। यानी ग्रामीण इलाकों में जहां स्वास्थ्य व्यवस्थाएं नहीं पहुंच पाती थी अब इस प्रोजेक्ट के जरिए लोगों को बहुत मदद मिलेगी।

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