वायु प्रदूषण देश के लिए हमेशा से बड़ी समस्या रही है. हालांकि सरकार को इस क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली है। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) और केपीआइटी टेक्नोलॉजी ने हाइड्रोजन ईंधन सेल (एचएफसी) से प्रोटोटाइप कार चलाने का पहला परीक्षण किया गया है। यह देश की पहली तकनीक है। इसका लक्ष्य वायु प्रदूषण और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिर्फ पानी का उत्सर्जन करती है, इससे किसी भी प्रकार के वायु प्रदूषकों के साथ ही हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कटौती करने में मदद मिलेगी।

वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए सीएसआइआर और केपीआइटी ने 10 किलोवाट की इलेक्टि्रक बैटरी बनाई है. इस तकनीक से बस और ट्रक जैसे बड़े वाहनों को भी फायदा पहुंचाया जा सकेगा। केपीआइटी के चेयरमैन रवि पंडित ने कहा कि ‘इस प्रौद्योगिकी का बेहतर भविष्य है और इसके स्वदेशी विकास के कारण, पहले से कहीं अधिक व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य होने की उम्मीद है’ वहीं सीएसआइआर-नेशनल केमिकल लैबोरेटरी के निदेशक अश्विनी कुमार नांगिया ने कहा कि ‘अब समय आ गया है कि देश में परिवहन व्यवस्था में ईंधन के रूप में हाइड्रोजन आधारित अक्षय ऊर्जा का प्रयोग किया जाए’

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