क्या आपने कभी सोचा है? समुन्द्र में बिछी ऑप्टिकल फाइबर केबल में ऐसा क्या खास होता है? जिसकी वजह से नेट कनेक्टिविटी जुड़ी रहती है। आपको याद होगा कुछ समय पहले ही पीएम मोदी ने चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल का उद्घाटन किया था। लेकिन क्या आपको पता है? समुन्द्र में ऑप्टिकल फाइबर केबल कैसे बिछाई जाती है? अगर आपको ये नहीं पता है तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।समुन्द्र में केबल बिछाने के लिए स्पेशल इक्विपमेंट से केबल के लिए एक रास्ता तैयार किया जाता है। जिसके बाद इन्हीं रास्तों पर केबल डाली जाती हैं।केबल का काम पूरा होने के बाद केबल को कनेक्टिंग पॉइंट से जोड़ दिया जाता है और आगे की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। इसी तरह की केबल को भारत में पोर्ट ब्‍लेयर, स्‍वराज द्वीप, लिटल अंडमान, कार निकोबार, कमोरटा, ग्रेट निकोबार, लॉन्‍ग आइलैंड तक जोड़ दिया गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि, इस सारे काम में भारत ने बिना किसी अन्य देश की मदद से पूरा किया है।


आपको जानकर हैरानी होगी कि, इस पूरी प्रक्रिया में 1,224 करोड़ रूपये का खर्चा आया है। सबमरिन ऑप्टकल केबल चेन्नई से अंडमान के समंदर से 2,300 किलोमीटर तक बिछाई गई है। भारत के लिए इसे बड़ी उपलब्धी के तौर पर देखा जा रहा है।क्योंकि इस ऑप्टिकल फाइबर से ब्रॉडबैंड इंटरनेट की स्पीड बढ़ 10 गुना बढ़ जाएगी। जिससे आप आसानी से तेज इंटरनेट स्पीड के साथ काम कर सकेंगे। इस कार्य को डिजिटल इंडिया से जोड़कर देखा जा रहा है।उद्धाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि, इससे भारत में डिजिटल क्रांति आयेगी। और लोगों को ज्यादा से ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि अब अधिकतर काम ऑन लाइन हो रहे हैं। ऐसे में इंटरनेट की अच्छी स्पीड होना बेहद जरूरी है और इन ऑप्टिकल फाइबर से इंटरनेट की स्पीड बढ़ेगी।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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