मुसलमानों का सबसे पाक महीना रमजान शरीफ इस बार 2 अप्रैल 2022 से शुरू होगा। रमजान के महीने की शुरूआत चांद क्यों दिखाई देने पर ही निर्भर करती है।अगर इस बार रमजान का महीना 2 अप्रैल 2022 से शुरू होता है तो अगले 1 मई 2022 को खत्म होगा इसके अगले दिन ईद मनाई जाएगी।

इस पाक महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं रमजान को इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना माना जाता है इस पूरे महीने मुसलमान रोजा रखते हैं। इसके अलावा मुसलमानों को इस पूरे महीने अपने विचारों में शुद्धता रखना और अपनी बातों में किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना जरूरी होता है। इस पूरे महीने शरीर की शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है,और रमजान में अब बस कुछ ही दिन बाकी है तो आइए जानते हैं इस पवित्र महीने के बारे में कुछ जरूरी बातें।

इस्लामी कैलेंडर का नवा महीने को रमजान कहा जाता है। रमजान अरबी का शब्द है और इस्लामिक महीना है। इस महीने में रोजे के लिए खास किया गया है। रोजे को अरबी भाषा में सौम कहा जाता है। सौम का मतलब होता है रुकना ठहरना या खुद पर नियंत्रण या काबू करना।रमजान की शुरुआत चांद देखने के बाद होती है। ऐसे में भारत में इस बार चांद शनिवार को दिखे जाने की संभावना है। ऐसे में रविवार को पहला रोजा होगा।

जानकारी के मुताबिक इस्लाम में रोजा रखने की परंपरा दूसरी हिजरी में शुरू हुई है और उनकी दूसरी आयत सूरह अल बकरा में साफ तौर पर कहा गया है कि रोजा तुम पर उसी तरह फस किया जाता है जैसे तुम से पहले की उम्मत पर फर्ज था। मोहम्मद साहब मक्के से हजरत कर मदीना पहुंचे ,इसके1 साल के बाद मुसलमानों को रोजा रखने का हुकुम आया। इस तरह से दूसरी हिजरी में रोजा रखने की परंपरा इस्लाम में शुरू हुई।

इस्लाम के मानने वाले हर बालेश्वर रोजा फर्ज है केवल उन्हें छूट दी गई है जो बीमार है या फिर सफर में है इसके अलावा औरतें प्रेग्नेंट हैं या फिर पीरियड्स से हैं और साथ ही बच्चों को रोजा रखने से छूट दी गई है।हालांकि, पीरियड्स के दौरान जितने रोजे छूटेंगे, उतने ही रोजे उन्हें बाद में रखने होते हैं।अगर कोई बीमार रहते हुए रोजा रखता है तो उसे अपनी जांच के ब्लड देना या फिर इंजेक्शन लगवाने की छूट है, लेकिन रोजे की हालत में दवा खाने की मनाही की गई है।ऐसे में सहरी और इफ्तार के समय दवा लें।

इस्लाम में रमजान की काफी अहमियत है इस पाक महीने में अल्लाह जन्नत के दरवाजे खोल देता है और दोजख के दरवाजों को बंद कर देता है। शैतान को कैद कर लेता है। इसी महीने में अल्लाह ने कुरान नाजिल किया है। जिसमें जिंदगी गुजर बसर करने के अल्लाह ने तरीके बताए हैं। रमजान का महीना सब्र और सुकून का महीना है। इसमें अल्लाह के पास रेहमतें बरसती है। अल्लाह रमजान माह का हेतराम करने वाले लोगों के पिछले सभी गुनाह माफ कर देता है।

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