तालिबान ने जब से अफगानिस्तान पर कब्जा किया है। तब से ही अफगानिस्तान के हालात बद से बदतर हो रहे हैं। तालिबान के कब्जे के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय मानवीय मदद पूरी तरह रोक दी गई है। मौजूदा समय में देश में खाद्य संकट इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि अब आधी से ज्यादा जनसंख्या भुखमरी से लाचार इधर-उधर भटक रही है। हालात इतने ज्यादा बदतर हो चुके हैं कि लोग खुद को सिर्फ जिंदा रखने के लिए अपनी किडनी और अपने बच्चों को बेचने लगे हैं। यह सब तब से बिगड़ा है, जब से तालिबान ने अफगानिस्तान की बागडोर अपने हाथ में ली है। भुखमरी के अलावा कड़ाके की ठंड भी लोगों को मरने पर मजबूर कर रही है।

अफगानिस्तान के हेरात शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर बसे एक क्षेत्र जिसका नाम शहर से शहर-ए-सेब्ज है। इधर रहने वाले लोग जैसे-तैसे अपनी जिंदगी काट रहे हैं। तालिबान के पावर में आने के बाद और पिछली सरकार के साथ हुए संघर्ष के अलावा पिछले 4 सालों का सूखा भी एक मुख्य कारण है। जिसकी वजह से आज अफगानिस्तान की जनता कई जटिल समस्याओं का सामना कर रही है। क्षेत्र में ज्यादातर घर मिट्टी से बने हुए हैं। यहां ना तो बिजली की सुविधा है और ना ही पानी की सुविधा है। सर्दी से बचने के लिए भी लोगों के पास किसी भी तरह के संसाधन नहीं है। लोगों के पास हाल-फिलहाल लकड़िया भी खत्म हो चुकी है। जिसकी वजह से लोग प्लास्टिक जलाकर ठंड में गुजारा कर रहे हैं।

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किडनी और बच्चें बेचने के लिए मजबूर हुए अफगानी

इस इलाके में रहने वाले 38 वर्षीय अब्दुलकादिर जो कि तुर्की के न्यूज़ चैनल टीआरपी वर्ल्ड से ताल्लुक रखते थे। इन्होंने अपना दुख जाहिर करते हुए बताया कि “मैं 150,000 अफगानी (करीब 1लाख 9 हजार) अपनी एक किडनी बेचने के लिए अस्पताल गया था। डॉक्टर ने मुझे बताया कि अगर मेरी सर्जरी हुई और मेरी किडनी निकाल दी गई तो मैं मर जाऊंगा, लेकिन फिर भी मैं अपनी किडनी बेचना चाहता हूं। हमारी आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि मैं अपने बच्चे को 150,000 अफगानी में बेचने को तैयार हूं। इससे मैं अपने परिवार के दूसरे लोगों को बचा सकता हूं।” इस इलाके में रहने वाले अन्य लोगों ने भी लगभग इसी तरह के बयान दिए हैं।

38 वर्षीय गुलबुद्दीन ने भी अपना दुख साझा करते हुए कहा कि “अगर कोई मुझसे मेरी आंख खरीदना चाहता है तो मैं अभी इसे भी बेच सकता हूं। ताकि मेरी पत्नी जीवित रहे।” ठीक इसी तरह 30 साल की बिबिजाना अपने 70 वर्षीय बूढ़े पिता के साथ रहती है। उनके चार बच्चे हैं। ऐसे मुश्किल हालातों में अन्य लोगों की तरह उनको भी अपने जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बिबिजाना ने बताया कि “मैंने अपनी किडनी बेच दी, फिर मुझे अपनी बेटी को बेचना पड़ा। मैंने उन पैसों से खाने पीने का सामान खरीदा। काश मैं इस दुनिया में पैदा नहीं होती। काश मैंने इन दिनों को कभी देखा नहीं होता। मेरी जिंदगी नर्क है, लेकिन मुझे जीना होगा।”

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