अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर अपने रुपए, अपने साथियों और समर्थकों के साथ भाग निकले हैं। आधिकारिक तौर पर भले ही अभी वहां की सत्ता कोई नहीं संभल रहा हो, लेकिन इस बीच अफगानिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति अम्रुल्लाह साले ने खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति होने का दावा किया है।

अमरुल्लाह सालेह का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति की अनुपस्थिति प्रायर ने इस्तीफे की वजह से देश में राष्ट्रपति नहीं है तो पूर्व उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। ऐसे में वह सभी नेताओं का समर्थन और आम सहमति हासिल करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं उन्हें कहा है कि इस मुद्दे पर अमेरिका राष्ट्रपति से बहस करना बेकार है और अब दानों को अपनी लड़ाई खुद लड़नी चाहिए।

सालेह ने ट्वीट में लिखा, ‘सफाई: अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफे या मृत्यु की हालत में फर्स्ट वाइस प्रेसिडेंट कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। मैं इस समय अपने देश में हूं और वैध केयरटेकर प्रेसिडेंट हूं। मैं सभी नेताओं से उनके समर्थन और आम सहमति के लिए संपर्क कर रहा हूं।

इससे पहले भी उन्होंने तालिबान के खिलाफ जाकर एक ट्वीट किया था उन्होंने कहा था कि किसी भी कीमत पर वह अब तालिबान के सामने नहीं झुकेंगे।

उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि, ‘मैं कभी भी और किसी भी परिस्थिति में तालिबान के आतंकवादियों के सामने नहीं झुकूंगा। मैं अपने नायक अहमद शाह मसूद, कमांडर, लीजेंड और गाइड की आत्मा और विरासत के साथ कभी विश्वासघात नहीं करूंगा। ‘मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा जिन्होंने मेरी बात सुनी। मैं तालिबान के साथ कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहूंगा’।

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