Kabul: आफगानिस्तान में तालिबान ने पूरी तरह अपना कंट्रोल कर लिया है. हालात बेहद बिगड़े हुए हैं. इसी बीच विदेशों से मिलने वाली सहायता पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया गया है. कई देशों ने काबुल में अपने दूतावास बंद कर दिए हैं और उनके प्रतिनिधि काबुल से अपनी जान को बचाकर भाग चुके हैं। जो कुछ बचे हैं, वो भी भागने की कोशिश में हैं।

वहीं तालिबान के सत्ता पर अधिकार जमाने के बाद अफगानिस्तान के पूर्व प्रथम उपरष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह ने अपने आपको देश का केयर टेकर राष्ट्रपति घोषित कर लिया। अमरूल्ला सालेह ने दावा किया है कि, वो सभी नेताओं से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, हालात पर नजर रखी जा रही है।

अमरूल्ला सालेह ने ट्वीट कर जानकारी दी, “अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति के इस्तीफे, उनके निधन, भागने या गैर-मौजूदगी में प्रथम उपराष्ट्रपति केयर टेकर राष्ट्रपति होंगे. मैं वर्तमान में देश के अंदर हूं और वैध केयर टेकर राष्ट्रपति हूं. सभी नेताओं से संपर्क कर रहा हूं ताकि उनके समर्थन और सहमति बन पाए.”

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संकट की इस घड़ी में जर्मनी ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली सहायता पर रोक लगा दी है. अफगानिस्तान को दी जाने वाली विकास सहायता भी निलंबित कर दिया गया है. जर्मनी के विकास मंत्री गर्ड मुलर ने कहा कि, “सरकारी विकास सहायता को फिलहाल निलंबित कर दिया गया है. जर्मनी की विकास एजेंसी जीआईजेड के अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों और सभी जर्मन नागरिकों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है.”

वहीं जर्मनी की एक समाचार एजेंसी के रिपोर्ट के अनुसार, “अब तक अफगानिस्तान ऐसा देश रहा है, जिसे जर्मनी की तरफ से दुनिया में सबसे अधिक विकास सहायता प्रदान की गई. जर्मनी की सरकार की वर्ष 2021 में विकास सहायता के रूप में करीब 25 करोड़ यूरो की राशि जारी करने की योजना थी”

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