IMF Chief Kristalina Georgieva: अमेरिका (America) सहित पूरी दुनिया पर मंडरा रहे वैश्विक आर्थिक संकट (global economic crisis) के बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) यानी कि आईएमएफ (IMF) प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने हैरान करने वाली बातें कही है। आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि इस साल अप्रैल के बाद से वैश्विक आर्थिक संकट का काफी नकरात्मक प्रभाव पड़ा है। ऐसे में इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि हम संभावित मंदी का सामना कर रहे है या फिर उसकी ओर बढ़ रहे है।

आईएमएफ की एमडी ने क्या कहा, जानिए

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक जॉर्जिवा ने इसके साथ ही बताया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर की गति चालू वित्‍तवर्ष में 3.6 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, आने वाले सप्‍ताह में स्थिति को देखकर इसके अंतिम आंकड़े जारी किए जाएंगे। वहीं, जुलाई के अंतिम सप्‍ताह में 2022 और 2023 में ग्‍लोबल इकॉनमी को लेकर अनुमान जारी किए जाएंगे। याद रहें कि साल 2021 में ग्‍लोबल इकॉनमी की विकास दर 6.1 फीसदी थी, जो इस साल घटकर करीब आधी रह जाएगी।

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इन कारणों से पड़ा रहा असर

गौरतलब है कि दुनिया में कई तरह के कारण है, जिसके चलते ऐसी स्थिति उत्पन हुई है। इनमें सबसे रुस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध भी एक संभावित कारण है। इसके साथ ही दुनियाभर में अपना कोहराम मचाने वाली महामारी कोरोना वायरस का काफी हद तक प्रभाव पड़ा है। ऐसे में दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं ने एक बार फिर से उभरना शुरु कर दिया है। तो वहीं, केंद्रीय बैंक बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा कर रहा है। वहीं, रुस के साथ-साथ चीन की अर्थव्यवस्था भी सुस्त बनी हुई है।

भारत पर नहीं पड़ेगा इसका प्रभाव?

दुनिया की कई नामी संस्थाएं जैसे विश्‍व बैंक, आईएमएफ सहित कई ग्‍लोबल रेटिंग एजेंसियों ने भारत की स्थिति अन्‍य देशों के मुकाबले बेतहर बताई है। विश्‍व बैंक ने कहा है कि इस साल भारत की विकास दर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है। चीन की विकास दर इस दौरान 4.3 फीसदी रहने का अनुमान है। आईएमएफ ने भारत की विकास दर 8.2 फीसदी और चीन की विकास दर 4.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।

वित्तीय जानकारों ने भारत को लेकर किया बड़ा दावा

कई वित्तीय जानकारों का मानना है कि अब भारत की स्थिति पहले जैसी नहीं रही है। अब भारत अमेरिका या अन्‍य विकसित अर्थव्‍यवस्‍थाओं पर अधिक निर्भर नहीं रह गए हैं। ऐसे में अमेरिका में मंदी की आशंकाओं का भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर खास असर नहीं दिखेगा। भारत के पास बड़ा उपभोक्‍ता बाजार होने के साथ उत्‍पादन की बड़ी व्‍यवस्‍था भी है। जानकारों ने कहा कि भारत अब कच्‍चे तेल के अलावा अन्‍य किसी उत्‍पाद के लिए आयात पर उतना निर्भर नहीं रहा है।

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अमित महाजन DNP India Hindi में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर काम कर रहे हैं.अमित ने सिंघानिया विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में डिप्लोमा किया है. DNP India Hindi में वह राजनीति, बिजनेस, ऑटो और टेक बीट पर काफी समय से लिख रहे हैं. वह 3 सालों से कंटेंट की फील्ड में काम कर रहे हैं.

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