Iraq: इराक के सबसे प्रतिभाशाली राजनीतिक शख्सियत प्रतिभाशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर के राजनीतिक छोड़ने के ऐलान के बाद इराक खूनी संघर्ष से घिर गया है। कल सोमवार को घोषणा की गई कि वह इराक की राजनीति से संयास ले रहे हैं जिसके बाद उनके सैकड़ों नाराज अनुयायियों ने सरकारी दफ्तरों पर धावा बोला और सुरक्षा बलों के साथ झड़प शुरू की। लेकिन सभी के मन में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि मुक्तदा अल-सदर कौन है।

कौन है मुक्तदा अल-सदर

क्तदा अल-सदर इराक के शक्तिशाली शिया धर्मगुरु हैं। उनका जन्म साल 1924 में हुआ था। उनका प्रभाव पूरे इराक़ पर हैं। शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर पिछले दो दशकों से इराक के एक शक्तिशाली राजनेता हैं।‌‌ वह अपने पिता और अपने ससुर के विचारों से बहुत प्रभावित हैं। सदर के पिता, मोहम्मद सादिक और ससुर मोहम्मद बाकिर, दोनों अत्यधिक प्रभावशाली धर्मगुरु थे। इराक में कई शिया उन्हें गरीबों की आवाज उठाने वाला नेता मानते हैं। मुक्तदा अल सदर को मरजा कहा जाता है। मरजा का मतलब होता है- वो मुजतहिद-ए-आज़म (नए रास्ते बताने वाला सबसे बड़ा विद्वान) जिसे दूसरे सभी विद्वान – एक महान विद्वान के रूप में स्वीकार करते हैं और उनका अनुसरण करते हैं।

संसदीय चुनाव में जीती सीटें

सदर ने अक्टूबर के संसदीय चुनावों में सबसे अधिक सीट प्राप्त की थी लेकिन बहुमत तक नहीं पहुंच पाए थे। सदर के गठबंधन ने इराक के अक्टूबर 2021 के चुनाव में 329 में से 73 सीटें जीती जो पिछली बार से 19 सीटें ज्यादा थीं। सदर के समर्थकों को उम्मीद थी कि गठबंधन जल्दी से सरकार बनाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद मुक्तदा अल-सदर की पापुलैरिटी बढ़ती गई। 2014 में ईरान ने इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए सुलेमानी और सैन्य सलाहकारों को इराक भेजा और सुलेमानी ने इराक में एक पावर ब्रोकर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लेकिन अगर ईरान के खिलाफ ही रहे।

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मुक्तदा अल-सदर का सबसे बड़ा नाम

मई 2018 के चुनावों के बाद इराकी संसद में सबसे बड़े नेता के रूप में मुक्तदा अल-सदर का नाम सामने आया उन्होंने इराक समर्थन देने के साथ गठबंधन करने से इंकार कर दिया था। सदर ने हाल ही में पीएमएफ के कट्टर तत्वों के खिलाफ एक ट्विटर अभियान भी शुरू किया और यहां तक कि इराकी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि इराक एक दुष्ट राज्य बन रहा है। लगातार ऐसे बयान और ईरान का विरोध सदर पर लगता रहा कि वह इराक के अयातुल्लाह खुमैनी बनना चाहते हैं।

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कौन है अयातुल्लाह खुमैनी

अयातुल्लाह सिया बहुल इरान में राजनीतिक और धार्मिक तौर पर बड़े नाम है। उन्हें ईरान में इस्लामी गणराज्य की स्थापना के लिए जाना जाता है। उनका असली नाम रूहोल्लाह खुमैनी है। वह मध्य ईरान के कोह्नोन में पैदा हुए थे उन्होंने 1979 में ईरान को दुनिया का पहला इस्लामी गणराज्य बनाया था। इसी के बाद शिया मुसलमान उनको एक रहनुमा के तौर पर देखने लगे थे।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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