आतंकियों का पालनहार पाकिस्तान को अब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF की ब्लैक लिस्ट में जाने का डर सताने लगा है। पाकिस्तान ने FATF की ग्रे सूची से बाहर निकलने की लिए आखिरकार 88 प्रतिबंधित आतंकी समूहों और हाफिज सईद, मसूद अजहर तथा दाऊद इब्राहिम जैसे समूहों के आकाओं पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगा दिए हैं। साथ ही उनकी सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है। आतंकिस्तान ने यह बड़ा फैसला प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया। FATF की अगली आमसभा अक्टूबर में होनी है, जिसमें ग्रे लिस्ट में की मार झेल रहे पाकिस्तान के भविष्य पर विचार होगा।

FATF सिफारिश का महत्व

आर्थिक रूप से कमजोर पाकिस्तान के लिए FATF की सिफारिश का महत्व बड़ा है। इसीलिए वह उसके 27 बिंदुओं वाले दिशानिर्देश के मुताबिक आतंकी संगठनों पर नियंत्रण के लिए कदम उठा रहा है। पाकिस्तान ने इस बार जिन आतंकियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी भी शामिल हैं। इनमें तमाम के संपत्तियां जब्त की गई हैं और बैंक खातों से लेन-देन रोक दिया गया है। पाकिस्तान ने जिन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं लेकिन घोषित वैश्विक आतंकियों में लश्कर ए तैयबा का सरगना हाफिज सईद, जैश ए मुहम्मद का सरगना मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम हैं। यह भारत में कई वारदातों के लिए वांछित हैं। आतंकवाद और संगठित अपराध को पनाह देने वाले देशों पर नजर रखने वाले FATF की सिफारिश पर आर्थिक संगठन और बहुराष्ट्रीय संगठन गौर करते हैं, वे कर्ज देने और निवेश करने में काफी सतर्कता बरतते हैं।

प्रतिबंध को लेकर सूचना जारी

पाकिस्तान सरकार ने 18 अगस्त को 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ कठोर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए 2 सूचनाएं जारी की हैं। दाऊद इब्राहिम का अंडरवर्ल्ड की दुनिया में अवैध व्यापार का बड़ा धंधा है और 1993 के मुंबई में हुए बम धमाकों के बाद वह भारत का सबसे वांछित आतंकवादी है।

पाक ने माना- कराची में रहता है दाऊद

आतंकी फंडिंग की निगरानी रखने वाली संस्था FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्‍तान की एक कवायद ने उसकी पोल खोलकर रख दी है। सूची में दाऊद का नाम शामिल करके पाकिस्‍तान ने पहली बार है खुले तौर पर एक तरह से मान लिया है कि मुंबई बम धमाकों का गुनहगार उसी के यहां मौजूद है। सनद रहे कि पाकिस्‍तान आज तक अपने यहां दाऊद इब्राहिम के मौजूद होने की बात को नकारता रहा है। दाऊद इब्राहिम का अंडरवर्ल्ड की दुनिया में अवैध व्यापार का बड़ा धंधा है और 1993 के मुंबई में हुए बम धमाकों के बाद वह भारत का सबसे वांछित आतंकवादी है। भारत बार बार कहता रहा है कि 1993 के मुंबई बम धमाकों का गुनहगार दाऊद पाकिस्‍तान में ही छिपा है लेकिन पाकिस्‍तानी ने इसे कभी नहीं माना। अब पाकिस्‍तान ने दाऊद की सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को सील करने के आदेश जारी किया है तो यह बात जगजाहिर हो गई है कि भारत का दावा सौ फीसद सही था कि दाऊद पाकिस्‍तान के संपर्क में है। लेकिन जारी सूची में फिर से पाकिस्तान ने हेरफेर कर दिया, पाक सरकार की ओर से जो सूची जारी की गई है उसमें दाऊद के नाम के साथ दस्तावेज में उसका पता व्हाइट हाउस, कराची बताया गया है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान अपने यहां दाऊद इब्राहिम की मौजूदगी को लेकर इनकार करेगा। दाऊद इब्राहिम के साथ साथ जिन आतंकियों पर प्रतिबंधों को सख्‍त किया गया है उनमें हाफ‍िज सईद, मसूद अजहर, मुल्ला फजलुल्ला, जकीउर रहमान लखवी, मुहम्मद यह्या मुजाहिद, अब्दुल हकीम मुराद, नूर वली महसूद, उजबेकिस्तान लिबरेशन मूवमेंट के फजल रहीम शाह, तालिबान नेताओं जलालुद्दीन हक्कानी, खलील अहमद हक्कानी, यह्या हक्कानी और उनके सहयोगी शामिल हैं।

विदेश यात्रा पर भी ‘ब्रेक’

रिपोर्ट के मुताबिक जमात-उद-दावा, तालिबान, दहेश, हक्कानी ग्रुप, अल-कायदा और कई अन्य आतंकवादी संगठनों पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है। पाक सरकार ने इन संगठनों और व्यक्तियों के सभी चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने और उनके बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही आदेश में इन आतंकवादियों को वित्तीय संस्थानों के माध्यम से धन हस्तांतरित करने, हथियारों की खरीद और विदेश यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है।

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