प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिल्ली से रोम पहुंचे चुके है। वह 30 -31 अक्टूबर को 16वें जी -20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री गुरुवार रात को ब्रिटेन और इटली की पांच दिवसीय यात्रा के लिए दिल्ली से रवाना हुए, सबसे पहले वह 29-31 अक्टूबर तक इटली में जी -20 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे उसके पश्चात प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटेन के ग्लासगो शहर जाएंगे। ग्लासगो में पीएम मोदी एक और दो नवंबर को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन काप -26 में भाग लेगे।

द्विपक्षीय बैठकों में लेगे भाग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले पांच दिनों में दुनिया के सबसे समृद्ध शीर्ष 20 देशों के संगठन जी-20 में हिस्सा लेंगे। इसके साथ-साथ वह वेटिकन में पोप फ्रांसिस, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, इटली के पीएम मोरियो द्रागी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारीसन सहित कई और देशों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

इन मुद्दों पर करेगे चर्चा

इटली के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने बयान जारी किया था जिसमे उन्होंने बताया था कि वह जी -20 सम्मेलन में कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य और आर्थिक ग्रोथ पर चर्चा करेंगे। वैश्विक अर्थव्यस्था पर भी चर्चा की जाएंगे। आपको बता दे कोरोना महामारी के बाद यह प्रमुख देशों की पहली आमने-सामने की बैठक होगी।

आतंकवाद पर होगी बात

विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने बताया कि जी -20 बैठक में भारत सीमा पर आतंकवाद, आतंकियों को मिल रही फंडिंग और उससे जुड़ी गतिविधियों पर आवाज उठाएगा। हम सब जानते है कि इसका दुनिया पर कितना बुरा असर पड़ रहा है, इसी समस्या की तरफ भारत सभी देशों का ध्यान आकर्षित करेगा।

वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड करेगे लांच

विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने बताया कि ग्लासगो में प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटिश प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक में भाग लेंगे, उस बैठक में पीएम मोदी ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों के साथ मिलकर वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड करेगे लांच की नीव रखेगे।

ग्रिड को एक साथ जोड़ना होगा मकसद

आपको बता दे वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस के तहत होगा, इसका पहला मकसद होगा दुनिया में सोलर एनर्जी से चलने वाली हर एक ग्रिड को आपस में जोड़ना। प्रधानमंत्री छोटे-छोटे द्वीप देशों में ढांचागत सुविधाओं को सुधारने के लिए किसी तरह का कोई नया अभियान लांच कर सकते है।

पर्यावरण में भारत की भागेदारी

भारत इस वक्त दुनिया में अपारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के तहत सबसे अधिक बिजली क्षमता वाला देश बन चुका है। भारत उन देशों में से एक है जो पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा से जुड़े लक्ष्यों को हासिल कर रहा है। पिछले सात सालों में भारत ने विंड सोलर और बाकी के स्रोतों से बनने वाली बिजली में 250 फीसदी का इजाफा देखा है।

12 वर्षो में पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री की रोम यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली रोम यात्रा है, पिछले 12 वर्षो में यह पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री रोम की यात्रा पर गया हो। इटली में भारतीय राजदूत डॉ नीना मल्होत्रा ने बताया कि पिछले कुछ वक्त में भारत और इटली के रिश्तों में काफी सुधार आया है, दोनों देशों के बीच इस वर्ष करीब 36 प्रतिशत व्यापार में वृद्धि हुई है। भारत में इस वक्त 700 कंपनिया इटली की है तो वही इटली में भारत की 100 कंपनियां काम कर रही है।

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