अफगानिस्तान पर काबिज तालिबान ने मीडिया कर्मियों के लिए एक नया फरमान जारी कर दिया है। तालिबान ने यह साफ किया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन केवल इस्लामिक कायदों के आधार पर ही करेंगे तालिबान ने उन रिपोर्टों को भी खारिज कर दिया जिसमें पूर्व सुरक्षा अधिकारियों के आतंकी संगठन आईएस में शामिल होने की बात कही गई थी।

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार तालिबानी गृह मंत्रालय के सैयद खोसती के प्रवक्ता ने मीडिया और अन्य संस्थानों के बीच तालमेल के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि तालिबान किसी को भी अभिव्यक्ति की आजादी को रोकने का अधिकार नहीं देगा। लेकिन इसका पालन इस्लामिक नियम और रिवाजों के दायरों में होगा।

उन्होंने कहा कि जो बातें देश के हित में होगी वही मीडिया प्रसारित कर सकेगा। इसके बावजूद वह मीडिया के खिलाफ किसी को व्यवधान नहीं खड़ा करने देंगे। दरअसल इस कार्यक्रम में प्रकाशकों पत्रकारों और मीडिया निगरानी संगठनों ने तालिबान से अपील की थी कि उनकी अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया संबंधी नीति को सुस्पष्ट किया जाए।

इससे पहले पत्रकारों के संगठन ने बताया कि पिछले दिनों तालिबान शासन में पत्रकारों को मारने की 30 से अधिक घटनाएं हो चुकी है। इस बीच वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट से इनकार करते हुए तालिबान के प्रतिनिधियों ने कहा कि पूर्ववर्ती अफगान सरकार के सुरक्षा बल आईएस में शामिल नहीं हुए हैं।

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