हम आपको दुनिया के अजीब-गरीब रिति रिवाज और रस्मों के बारे में बताते रहते हैं। लेकिन हम आज जिस विचित्र रिवाज के बारे में बताने जा रहे हैं। उसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। इसके साथ ही आपका सिर्फ भी चकरा सकता है। क्योंकि खबर ही कुछ ऐसी है। हम सभी जानते हैं कि, मरने के बाद धर्म के हिसाब से किसी को जला दिया जाता है तो किसी को दफना दिया जाता है।लेकिन आज हम आपको जिस विचित्र परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं। उसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। क्योंकि यहां पर मुर्दों को दफनाया या जलाया नहीं जाता बल्कि पेड़ में एक होल करके उसे बंद कर दिया जाता है। इस पढ़कर आपका सिर जरूर चकरा गया होगा और भी सोचने लगे होंगे ऐसे कैसे हो सकता है? पेड़ भी क्या शव को दफनाने की जगह है? इस पर हम तो बस ये ह कहेंगे। ये दुनिया है यहां जो न हो वो कम है। चलिए आपको बताते हैं, कहां इस रस्म का निर्वाहन किया जाता है।


इंडोनेशिया के एक इलाके में इस विचित्र परंपरा का निर्वाहन किया जाता है। इस स्थान पर मुर्दे को जमीन के बजाय पेड़ के तने में दफनाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि, ऐसा सिर्फ छोटे बच्चों के साथ किया जाता है। इस स्थान पर सिर्फ छोटे बच्चों को पेड़ के तने में दफनाया जाता है।
इन लोगों का मानना है कि, बच्चे प्रकृति की देन हैं। अगर वे जीवन की पूर्णता को प्राप्त नहीं करते यानी उनकी मृत्यु हो जाती है तो इन्हें पुन: प्रकृति को ही समर्पित कर देना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे मां की गोद छोड़कर प्रकृति की गोद में चले जाते हैं। ये लोग उन्हीं बच्चों को पेड़ के तने में दफनाते हैं। जिनके दांत नहीं आये रहते हैं। इन लोगों का मानना है कि, ऐसे छोटे बच्चे धीरे-धीरे प्रकृति में लीन हो जाते हैं। ऐसा ये लोग सदियों से करते आ रहे हैं।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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