सुंदर दिखना कौन नहीं चाहता है। यही कारण है कि, सुंदर दिखने के लिए लोग कई तरह के मेकअप और सर्जरी का सहारा लेते हैं। करोड़ों रूपये खर्च करते हैं ताकि वो आकर्षक और जवान दिख सकें। तो वहीं इसी धरती पर एक ऐसा इंसान भी मौजूद है जिसने बदसूरत दिखने के लिए करोड़ों रूपये खर्च कर दिये। इतनी ही अपनी जीभ तक कटवा डाली है। और खास बात ये है कि, ये सब उसने अपने अनोखे शौक के चलते किया। अब आप सोच रहे होंगे कि क्या कोई इतना भी सनकी हो सकता है। जो खुद की शक्ल बिगाड़ने जैसे शौक भी रख सकता है।तो हम इस अजीब आदमी के इस अजीब शौक पर बस ये ही कहेंगे शौक बड़ी चीज है जो न कराए वो कम है।


चलिए आपको दुनिया के इस अनोखे इंसान से मिलवाते हैं। जिसकी हरकतें आपका सिर घुमा देंगी।टायमैट लीजन मेडुसा नाम का ये शख्स दुनियाभर में मशहूर है। टायमैट ने कॉस्मेटिक सर्जरी और बॉडी मॉडिफिकेशन पर 61 हजार पाउंड खर्च कर दिए। टायमैट ने अपने सारे पैसे कैस्ट्रेशन, कान हटाने और जीभ को बीच से कटवाने के लिए खर्च किए हैं, जिससे वो एक राक्षस की तरह दिख सकें।


टायमैट अपने इस शौक के पीछे की बड़ी वजह बताते हुए कहते हैं कि, मैं ये सब लोगों के अंदर पॉजीटिव विचार लाने के लिए करता हूं और आगे भी करता रहूंगा। टायमैट का कहना है कि, वो कोई सनकी और पागल नहीं हैं, मैं एक आम आदमी की तरह देश के सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों में से एक बैंकिंग वाइस प्रेसिडेंट था। मैं जो इस वक्त कर रहा हूं उसका मतबल बिल्कुल भी नहीं है कि, मैं सनकी हूं। मैंने अपने कान निकल वाये हैं दिमाग नहीं।


टायमैट दक्षिणी टेक्सास के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि, बचपन में उनके माता-पिता ने उन्हें सांपों से भरे जंगल में फेंक दिया था। उसके बाद उन्होंने जानवरों को ही अपना सबकुछ माना।टायमैट ने बताया कि पहले बॉडी मॉडिफिकेशन के बाद वो दुनिया के पांचवें व्यक्ति बन गए, जिनके सिर पर सींग हैं। टायमैट ने अपना शरीर महिलाओं की तरह बनवाया हुआ और चेहरा राक्षसों की तरह यही कारण है कि, लोग उन्हें ड्रैगन लेडी के नाम से भी जानते हैं।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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