आपने रहस्यों से जुड़े हुए एक से बढ़कर एक मंदिर देखें होंगे, लेकिन आज हम आपको जिस अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। उसके बारे में शायद ही आज से पहले आपने कभी सुना या देखा हो।आज हम आपको दुनिया के एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि, अपनी तरफ खुद ही बड़े-बड़े जहाज खींच लेता है।इस मंदिर का नाम कोणार्क का सूर्य मंदिर है। यह अनोखा रहस्यमय मंदिर उड़ीसा में जगन्नाथ पुरी से 35 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में कोणार्क शहर में मौजूद है। इस मंदिर के रहस्यों की वजह से लोग इसे दूर-दूर से देखने आते हैं।इस मंदिर में आपको मध्यकालीन वास्तुकला का अनोखा नमूना देखने को मिलेगा।

कोणार्क का सूर्य मंदिर

इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, कोर्णाक मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किए गए सूर्य भगवान के साक्षात दर्शन किस्मत वाले ही लोग करते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, ये मंदिर अपने पास बड़े से बड़े जहाजों को खींच लेता था। कहा जाता है कि, इस मंदिर के शिखर में 52 टन का विशालकाय चुंबक का पत्थर लगा था। जिसकी वजह से बड़ी से बड़ी लोहें की चीज इस मंदिर की तरफ खींची चली आती थीं। यही वजह है कि, यूनेस्को ने इस मंदिर को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया हुआ है। समुद्र के किनारे यह मंदिर सैकड़ों सालों से ऐसे ही खड़ा है।

अंग्रेजों ने निकाला चुंबक

आपको देखकर और जानकर हैरानी होगी कि, इस मंदिर को चुंबकों से इस तरह से सजाया हुआ है कि, इसमें मंदिर की मूर्ति हवा में तैरती हुई नजर आती है।कहा जाता है कि, चुंबकीय शक्ति इतनी तेज थी कि पानी के जहाज मंदिर की तरफ खींचे लेती थी, जिससे परेशान होकर अंग्रेजों ने चुंबक बाहर निकाल दिया।चुंबक को निकालने की वजह से मंदिर का संतुलन बिगड़ गया था। जिसकी वजह से मंदिर की दीवारें टूटने लगी थीं। कोणार्क मंदिर 12 जोड़े पहिये वाले रथ पर बना हुआ है। जो देखने में बेहद खूबसूरत लगता है। मंदिर आज भी अपनी पुरानी स्थिति में है और लोग इसे दूर-दूर से देखने आते हैं।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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