भारत में लोग अजीबोगरीब परंपराओं को मानते हैं। देश में लोगों के मन में जितनी देवी-देवताओं के लिए श्रद्धा है उससे कहीं ज्यादा यहां अंधविश्वास पनपता है। आज हम आपको एक ऐसे अजीबोगरीब मंदिर के बारे में बताएंगे जहां किसी देवी मां, या दुर्गा की पूजा नहीं…बल्कि एक डायन को पूजा जाता है। छत्तीसगढ़ में ये मंदिर प्रेतिन मंदिर के नाम से मशहूर हैं और दूर-दूर से लोग प्रेतिन मां के दर्शन के लिए आते हैं ।नवरात्री के मौके पर यहां अच्छा खासा मेला लगता है। हर शुभ काम, शादी-ब्याह से लेकर मुंडन तक के लिए पहले मां प्रेतिन का आशीर्वाद लिया जाता है।

200 साल से हो रही डायन की पूजा


गांव के लोग मंदिर को परेतिन देवी मंदिर कहकर बुलाते हैं। मान्यता है कि यहां से गुजरने वाला हर शख्स मंदिर में कुछ चढ़ाकर जाता है। अगर वो ऐसा नहीं करता है तो उनके साथ रास्ते में कुछ बुरा होता है। लोगों का मानना है कि यहां आकर उनकी हर मुंह-मांगी मुराद पूरी होती है। पहले यहां सिर्फ परेतिन देवी का चबूतरा था लेकिन बाद में गांव वालों ने ईंट और पैसा दान करके यहां मंदिर बनवाया। नवरात्रि में यहां अच्‍छा-खासा मेला लगता है और मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। मंदिर बालोद जिले में गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम झींका में सड़क किनारे बना हुआ है। खास बात ये है कि मंदिर तकरीबन 200 साल पुराना है।

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हर गुजरने वाले को चढ़ाना पड़ता है चढ़ावा

गांव वालों की मान्यता है कि ट्रक या वाहन चालकों के लिए ये मंदिर खासा महत्व रखता है मंदिर के सामने से गुजरने वाले सभी वाहन चालक मंदिर में कुछ भेंट चढ़ाकर ही आगे बढ़ते हैं। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो रास्‍ते में परेशानी हो सकती है। हर शुभ काम में गांव वाले पहले मां प्रेतिन को पूजते  हैं फिर जाकर अपने काम की शुरुआत करते हैं। गांव वालों के लिए ये मंदिर सच्ची आस्था का प्रतीक है और चढ़ावे की परंपरा गांव वाले काफी समय से निभाते आ रहे हैं। 

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