पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सिंह के सत्ता में आने के बाद उन्होंने अपने सभी वादों को पूरा किया है। लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आरोप लगते रहे हैं। भगवंत पर शराब के नशे में गुरुद्वारा में माथा टेकने का आरोप लगाया गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भगवंत मान से सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री गुरुद्वारे में माथा टेकने आए तो उन्होंने शराब पी रखी थी और वह नशे में थे।
नशे में एक पवित्र स्थान का दौरा
एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री ने शराब के नशे में एक पवित्र स्थान का दौरा किया हैं। इस तरह मुख्यमंत्री ने आचार संहिता का उल्लंघन किया। भगवंत मान के इस कदाचार से पता चलता है कि उन्होंने गुरुघर को उचित सम्मान नहीं दिया और संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा भी कम की हैं। रघुजीत का कहना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को सिख समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।
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विपक्ष ने किया वार
अब इस मामले में कांग्रेस और भाजपा ने भी मुख्यमंत्री भगवंत मान पर कटाक्ष किया है। दोनों पार्टियों का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री की बॉडी लैंग्वेज से पता चलता है कि वह नशे में रहते हैं। दोनों पार्टियों का कहना है कि अब भगवंत मान का मेडिकल टेस्ट कराना चाहिए। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने विपक्षी दलों पर मुख्यमंत्री की छवि खराब करने का आरोप लगाया है।
वहीं अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आरोप लगाया है कि वह जालंधर में अंबेडकर जयंती पर आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए आए थे। उस समय तलवंडी साबो गुरुद्वारा तख्त श्री दमदमा साहिब में मुख्यमंत्री भगवंत ने नशे की हालत में माथा टेका था।
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